जैकलजी आईमाता प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियॉं जोरों पर
नारलाई। यहॉं इस माह के अंतिम सप्ताह में आयोजित होने जा रहे जैकलजी आईमाता मुख्यधाम पर प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियॉं जोरों पर चल रही हैं। इस धाम पर 29 मई को गणपति,लक्ष्मी एवं सरस्वती माता की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा सहित जैकलजी आई माता मंदिर के जिर्णोद्वार पश्चात मंदिर महोत्सव आयोजित होगा। इसके लिए अखिल भारतीय सिरवी समाज वृहद स्तर पर तैयारियॉं कर रहा हैं।
श्री जैकलजी आईमाता सेवा समिति के अनुसार जति भगाबाबा एवं पुजारी भंवर महाराज के सानिध्य एवं अखिल भारतीय सीरवी महासभा के पूर्व अध्यक्ष नेनाराम पेमाजी परिहार की अध्यक्षता में आयोजित होने जा रहें प्रतिष्ठा समारोह के तहत 25 मई को कलश यात्रा,मंडप प्रवेश,गणपति पूजा, 26 मई को गौरी गणपति पूजन, अग्नि स्थापना,पाट पूजन एवं यज्ञ,27 मई भजन संध्या,बोलियॉं एवं दानदाताओं का स्वागत, 28 मई लघु रूद्र एवं नवीन मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा भजन संध्या,बोलियॉं,अतिथियों एवं दानदातओं का स्वागत व 29 मई को मुख्य कलश स्थापना,तोरण बांधना,मूर्तियों की स्थापना,संत प्रवचन इत्यादि कार्यक्रम आयोजित किये जाएगें।
भटनागर समिति का विरोध
नारलाईं। आयुर्वेद नर्सेज एसोसिएशन के तत्वावधान में नारलाई सहित क्षेत्र के आयुर्वेद विभाग के नर्सेज ने दूसरे दिन भी दो घंटे तक काली पट्टी बांध कर भटनागर समिति का विरोध किया हैं।
वरिष्ठ नर्सेज रामलाल मोबारशा ने बताया कि प्रातः आठ से दस बजे तक दो-दो घंटे यह विरोध प्रदर्शन 5 मई तक जारी रहेगा। बुधवार को शुरू हुए इस विरोध प्रदर्शन के तहत नारलाई,आना,देसूरी,सादड़ी सहित क्षेत्र के कई स्थानों पर दूसरे दिन भी नर्सेज ने काली पट्टी बांधी।
मेगा हाइवे पूर्ण न होने से दिक्कतें
नारलाई। राज्य सरकार ने पाली से गोमती चौराहें तक मेगा हाइवे बनाने का श्रेय तो ले लिया। लेकिन नाड़ोल से देसूरी तक सत्रह किलोमीटर तक हाइवे आज भी आधा-अधूरा पड़ा हैं। जिस हिस्से में सड़क बन गई हैं,वहॉं खड्डे पड़ते जा रहे हैं। जिससे वाहनचालक एवं राहगीर परेशान हैं।
यह सड़क शर्तो के मुताबिेक ठेकेदार को दो साल पहले ही बनाकर राज्य सरकार को सुपर्द कर देना था। लेकिन इसके निर्माण लेटलतिफी चलती रही और कछूआ चाल चल कर भी इसे आधी-अधूरी सड़क बनाकर छोड़ दिया गया। राज्य सरकार की धीमी कार्यवाहीं से इसे पूर्ण करने की दिशा में सार्वजनिक निर्माण विभाग उचित कदम नहींे उठा पा रहा हैं। जबकि अब तक बन चुकी सड़क की न तो गुणवत्ता हैं और न ही देखने में आकर्षक। यह सड़क जगह-जगह अधूरी होने व पुलिए निर्माण न होने से आवागमन में वाहनों को दिक्कतों के साथ समय की बर्बादी झेलनी पड़ रही हैं। इसके अलावा निर्मित सड़क पर ड़ामर उखड़ जाने से खड्डे भी पड़ गए हैं। जिससे यह दुर्घटनाओं की सबब भी बन सकती हैं।
शिक्षकों के दो माह के वेतन बकाया
नारलाई। शिक्षकों के दो-दो माह के वेतन बकाया होने से आर्थिक अभाव झेलना पड़ रहा हैं। देसूरी पंचायत समिति क्षेत्र में पिछले दो साल से शिक्षकों को प्रति माह वेतन भुगतान न होने की समस्या लगातार बनी हुई हैं।
शिक्षकों ने बताया कि ब्लॉक प्रांरभिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में समय पर भुगतान नही हो पा रहा हैं। एक-दो शिक्षकों के कागजी खानापूर्ति न होने का खामियाजा सभी शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा हैं। मार्च माह का बकाया भुगतान 1 मई को बैंक खातों में जमा करवाया गया। जबकि सर्व शिक्षा अभियान मद के शिक्षक दो माह से वेतन को तरस रहे हैं। इनका मार्च एवं अप्रेल का वेतन बकाया चल रहा हैं। शिक्षकों ने प्रतिमाह वेतन भुगतान की मांग की हैं।
केसूली-नारलाई सड़क का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जाएगा
नारलाई। जिला परिषद केसूली-नारलाई सड़क तक दस किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजेगी।
जिला परिषद सदस्य प्रमोदपाल सिंह मेघवाल ने इस संबध में जिला परिषद की साधारण सभा में एक प्रस्ताव रखा था। मेघवाल ने सभा में कहा कि नारलाई-केसूली मार्ग को आजादी से अब तक सड़क से मरहूम रखा गया। उन्होंने बताया कि इस दस कि.मी. सड़क का आधा-आधा हिस्सा बाली एवं मारवाड़ जंक्शन विधानसभा क्षेत्रों में बंटा होने से दोनो ओर के निर्वाचित विधायक इसे बनाने में रूचि नहींे दिखा रहे हैं। जिसके बाद जिला प्रमुख ने यह प्रस्ताव आवश्यक कार्यवाहीं के लिए राज्य सरकार को भेजने का आश्वासन दिया।