देसूरी,24 जनवरी। जिला कलेक्टर डॉ.पृथ्वीराज सांखला ने शनिवार को पहले दौरें में क्षेत्र में पेयजल संकट की स्थिति का जायजा लिया और कहा कि प्रशासन इस बात का प्रयास कर रहा हैं कि क्षेत्र में जलापूर्ति में 72 घंटे से अधिक का अन्तराल न हो। उन्होंने सेलीनाल बांध व उपखंड कार्यालय का दौरा भी किया।
यहां कलेक्टर के दौरें को देखते हुए अवकाश के बावजूद सभी सरकारी कार्यालय खुले रहे और सभी कर्मचारी-अधिकारी दिन भर अपनी सीटों पर जमे रहे। इस दौरें को देखते हुए कार्मिकों व अधिकारियों की सांसे फूलती रही । आखिर कलेक्टर शाम ढ़ले कस्बे के सिंचाई बांध सेली बांध पहूॅंचे और बांध के खड्डों में भरे पानी की पाइप लाइन के जरिए की जा रही आपूर्ति देखी। इस दौरान जलदाय विभाग के सभी अभियंता साथ थे।
बाद में वे यहां उपखंड कार्यालय पहूॅंच कर जायजा लिया। उन्होंने मुकदमों के निस्तारण के विषय में उपखंड अधिकारी मांगूसिंह चौहान व लिपिकों से सवाल पुछे और प्रगति के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने कंप्यूटरों के बारे में पुछताछ की और उन्हें चैक किया। उन्होंने कहा कि अगर कंप्यूटर संबधी दिक्कत आ रही हैं,तो बताए। इनके ठप्प पड़े रहने से कार्यालय की गतिशिलता प्रभावित होती हैं। बाद में उन्होंने तहसीलदार राजेश मेवाड़ा को भी राजस्व मामले निस्तारण संबधी आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान कई विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।
यहां से रवाना होते वक्त कलेक्टर पत्रकारों से भी मुखातिब हुए और बताए की वे जलापूर्ति की स्थिति की समीक्षा करने के लिए दौरे पर थे। उन्होंने बताया कि स्थिति से निपटने के लिए शीघ्र ही टैेंकरों से पानी भी परिवहन किया जाएगा। उन्होंने उपखंड अधिकारी से जलदाय विभागके अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श कर बीस कुएं खुदवाने की योजना तैयार करने को कहा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जिन कस्बों में 96 घंटे के अंतराल से पेयजल आपूर्ति हो रही हैं। वहां अन्तराल घटाकर 72 घंटे करने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि इस समय जिला मुख्यालय पर भी 72 घंटे के अंतराल से पानी उपलब्ध हो रहा हैं। इससे पूर्व उन्होंने घाणेराव मेें दानदाताओं द्वारा खुदवांएं कुए भी देखे।
सुबह मुलाकात करेगे-जिला कलेक्टर के उपखंड कार्यालय से ही लौट जाने से शेष सरकारी कार्यालय में कर्मचारियों व अधिकारियों ने राहत की सांस ली। लेकिन जैसे ही पता चला कि वे सुबह लौटकर आने का कह गए हैं तो सभी के माथे पर चिंता की लकीरें पुन: उभर आयी। वरना माना जा रहा था कि उन्होंने दौरा पूरा कर लिया। उपखंड अधिकारी मांगूसिंह चौहान ने जब उनके अगले कार्यक्रम के बारे में पुछा तो उन्होंने कहा कि वे जहां चाहेगें वहां जाएगें। सुबह आपसे फिर मिलेगें।
सुनी फरियाद -जिला कलेक्टर को उपखंड कार्यालय के बाहर कई पिडि़तो ने अपनी व्यथा कथा सुनाई और ज्ञापन दिए। जिला कलेक्टर ने उनके ज्ञापन देखने के बाद अधिकारियों से पुछताछ की और रिकॉडऱ् तलब किया।
यहां कलेक्टर के दौरें को देखते हुए अवकाश के बावजूद सभी सरकारी कार्यालय खुले रहे और सभी कर्मचारी-अधिकारी दिन भर अपनी सीटों पर जमे रहे। इस दौरें को देखते हुए कार्मिकों व अधिकारियों की सांसे फूलती रही । आखिर कलेक्टर शाम ढ़ले कस्बे के सिंचाई बांध सेली बांध पहूॅंचे और बांध के खड्डों में भरे पानी की पाइप लाइन के जरिए की जा रही आपूर्ति देखी। इस दौरान जलदाय विभाग के सभी अभियंता साथ थे।
बाद में वे यहां उपखंड कार्यालय पहूॅंच कर जायजा लिया। उन्होंने मुकदमों के निस्तारण के विषय में उपखंड अधिकारी मांगूसिंह चौहान व लिपिकों से सवाल पुछे और प्रगति के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने कंप्यूटरों के बारे में पुछताछ की और उन्हें चैक किया। उन्होंने कहा कि अगर कंप्यूटर संबधी दिक्कत आ रही हैं,तो बताए। इनके ठप्प पड़े रहने से कार्यालय की गतिशिलता प्रभावित होती हैं। बाद में उन्होंने तहसीलदार राजेश मेवाड़ा को भी राजस्व मामले निस्तारण संबधी आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान कई विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।
यहां से रवाना होते वक्त कलेक्टर पत्रकारों से भी मुखातिब हुए और बताए की वे जलापूर्ति की स्थिति की समीक्षा करने के लिए दौरे पर थे। उन्होंने बताया कि स्थिति से निपटने के लिए शीघ्र ही टैेंकरों से पानी भी परिवहन किया जाएगा। उन्होंने उपखंड अधिकारी से जलदाय विभागके अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श कर बीस कुएं खुदवाने की योजना तैयार करने को कहा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जिन कस्बों में 96 घंटे के अंतराल से पेयजल आपूर्ति हो रही हैं। वहां अन्तराल घटाकर 72 घंटे करने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि इस समय जिला मुख्यालय पर भी 72 घंटे के अंतराल से पानी उपलब्ध हो रहा हैं। इससे पूर्व उन्होंने घाणेराव मेें दानदाताओं द्वारा खुदवांएं कुए भी देखे।
सुबह मुलाकात करेगे-जिला कलेक्टर के उपखंड कार्यालय से ही लौट जाने से शेष सरकारी कार्यालय में कर्मचारियों व अधिकारियों ने राहत की सांस ली। लेकिन जैसे ही पता चला कि वे सुबह लौटकर आने का कह गए हैं तो सभी के माथे पर चिंता की लकीरें पुन: उभर आयी। वरना माना जा रहा था कि उन्होंने दौरा पूरा कर लिया। उपखंड अधिकारी मांगूसिंह चौहान ने जब उनके अगले कार्यक्रम के बारे में पुछा तो उन्होंने कहा कि वे जहां चाहेगें वहां जाएगें। सुबह आपसे फिर मिलेगें।
सुनी फरियाद -जिला कलेक्टर को उपखंड कार्यालय के बाहर कई पिडि़तो ने अपनी व्यथा कथा सुनाई और ज्ञापन दिए। जिला कलेक्टर ने उनके ज्ञापन देखने के बाद अधिकारियों से पुछताछ की और रिकॉडऱ् तलब किया।
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