Thursday, January 29, 2009

गुणवान व्यक्ति देश की सम्पति हैं- भगवान भाई


देसूरी,29 जनवरी। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय आबू पर्वत के राजयोगी बी.के. भगवान भाई ने कहा कि गुणवान व्यक्ति देश की सम्पति हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियोंं के सर्वांगिण विकास के लिए भौतिक शिक्षा के साथ-साथ नैतिक शिक्षा की भी आवश्यकता हैँ। चरित्र निर्माण ही शिक्षा का मूल उद्देश्य होता हैं।
वे गुरूवार को यहां क्षेत्रपाल महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं को संबोधित कर रहे थे। वे विश्वविद्यालय के राजयोग शिक्षा एवं शोध संस्थान के शिक्षा प्रभाग द्वारा चलाए जारहे अखिल भारतीय शैक्षणिक अभियान 2008-09 के तहत मानवीय मूल्यों द्वारा स्व सशक्तिकरण विषय पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भौतिकता की ओर धकेल रही भौतिक शिक्षा की बजाय इंसान को नैतिक शिक्षा की आवश्यकता हैं। उन्होंने समाज में मूल्यों की कमी हर समस्या का मूल कारण हैं। इसलिए विद्यार्थियों को मूल्यांकन,आचरण,अनुकरण,लेखन,व्यवहारिक ज्ञान इत्यादि पर जोर देना होगा। उन्होंने कहा कि अज्ञान रूपी अंधकार अथवा असत्य से ज्ञान रूपी प्रकाश अथवा सत्य की ओर ले जाए,वहीं सच्चा ज्ञान हैं।
उन्होंने कहा कि जब तक हमारे व्यवहारिक जीवन में परोपकार,सेवाभाव,त्याग,उदारता,पवित्रता,सहनशीलता,नम्रता,धैर्यता,सत्यता,ईमानदारी, आदि सद्गुण नहीं आते। तब तक हमारी शिक्षा अधूरी हैं। उन्होंने कहा कि समाज अमूर्त होता हैं और प्रेम,सद्भावना,भातृत्व,नैतिकता एवं मानवीय सद्गुणों से सचालित होता हैं।
भगवान भाई ने कहा कि हमें अपने दृष्टिकोण को सकारात्मक बनाने के लिए ज्ञान की आवश्यकता हैं। दृष्टिकोण सकारात्मक रहने पर मनुष्य हर परिस्थिति में सुखी रह सकता हैं। उन्होंने व्यसनों से दूर रहने पर भी जोर दिया। स्थानीय राजयोग केन्द्र की बी.के. कविता बहन ने कहा कि आध्यात्मिकता अपनाने पर जीवन में नैतिक मूल्यों का प्रवेश संभव हैं। महाविद्यालय प्राचार्य घीसूदास रामावत ने सदगुणों का महत्व बताया। संचालन व्याख्यता बाबूलाल कुम्हार ने किया।

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