Thursday, March 19, 2009

शीतला माता के मेलें में लोक संस्कृति के रंग बिखरे

देसूरी,19 मार्च। यहां शीतला माता के मेलें में लोक संस्कृति के रंग बिखरे नजर आए। महिलाएं अलसवेरे ही शीतला माता की पूजा अर्चना करने मंदिर पहूंची और एक दिन पहले बनाए ठंडे भोजन का भोग व पानी वाला नारियल चढ़ा कर पूजा अर्चना की और अपने परिवार के लिए स्वास्थ्य की कामना की। तेजलाव क्षेत्र में स्थित शीतला माता मंदिर पर आयोजित मेले में चौधरी समाज की गैर,कालबेलियों एवं गिरासियों के नृत्य,चौधरी एवं घांची महिलाओं के लूम्हर व कुम्हार समाज महिलाओं के बैठ कर किए गए नृत्य ने लोक संस्कृति का नजारा खड़ा कर दिया। ग्राम पंचायत ने सर्वश्रेष्ठ गैर के रूप में चौधरी समाज गैर दल को 501 राशी,गिरासियां समाज गैर दल एवं कालबेलिया चंग नृत्य दल को 401-401 व महिला लूम्हर दलों को 250-250 राशी का नकद पुरूस्कार दिया गया। इस दौरान सरपंच नेनाराम चौधरी द्वारा निर्मित करावएं गए बरामदे का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में प्रधान श्रीमती सुशीला गौड़,अम्बामाता ट्रस्ट कमेटी अध्यक्ष गोविंदसिंह राठौड़,पूर्व सरपंच मोतीलाल चौधरी,जोधसिंह,ग्रुप सचिव घीसाराम चौधरी सहित जनप्रतिनिधि,साधु-संत व मेलार्थी मौजूद थे।
मेले के दौरान ग्राम पंचायत ने तेजलाव बावड़ी के सामने पहाड़ी पर मिट्टी के पात्र पर बंदूक से निशाना साधने की प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें एक के बाद एक दस निशानेबाजों ने अपना हाथ आजमाया। लेकिन किसी को सफलता नहीं मिली। निराश होकर लोगों ने पत्थरों से मिट्टी के पात्र को निशाना बना ड़ाला।
इसी के साथ भरी दोपहरी में मेला जूलुस में तब्दील होकर बस स्टेंड पहूंचा। जहां एक बार फिर मेला आयोजित हुआ। यहां सजी दुकानों व ठेलों पर लोगों ने खरीद फरोख्त करने व खाने-पिने की चीजों का लुत्फ उठाया। इस दौरान लगे झूलों ने बच्चों व किशोरों को काफी आकर्षित किया। यहां से गैर दल पुलिस थाना,वन विभाग व पटवार घर पहूंचा और नेग वसूला।
इधर,मेघवाल समाज के लोगों ने तेजलाव क्षेत्र में अपने मंदिर पर शीतला माता की पूजा अर्चना की और समाज के विषय में चर्चा की। मेले की वजह से कुछ विद्यालयों में स्थानीय अवकाश घोषित किया गया। लेकिन अधिकांश विद्यालय चलने के बावजूद छात्र-छात्राओं की उपस्थिति नगण्य रहीं। मेले के दिन ठंडा भोजन ही ग्रहण की मान्यता ने विद्यालयों में मीड-डे मिल पकाने को लेकर असमंजस पैदा किया।