Sunday, February 15, 2009

दाती महाराज के स्वागत में शनिभक्तों का सैलाब उमड़ा

देसूरी,15 फरवरी। यहां रविवार रात शनिधाम ट्रस्ट द्वारा प्रस्तावित गौशाला के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम में पहूॅंचे शनिश्चरणानुरागी दाती पं.मदन राजस्थानी महाराज का राठेलाव चौराहें पर जोरदार स्वागत किया गया। उनके स्वागत में हजारो शनिभक्त दो घंटे तक अपने पलक-पांवड़े बिछाए बेसब्री से खड़े नजर आए।सांय पांच बजे गुरूलाल भेग नवल आश्रम के महंत एवं दाती महाराज के परम शिष्य लाल महाराज राजस्थानी की अगुवाई में कस्बेवासी बैंड के साथ झूमते-गाते राठेलाव चौराहें पर पहूॅंचें। चौराहें पर उमड़ा जनसैलाब हाथों में मालाए थामे अंधेरा घिरने के बावजूद इंतजार करता रहा। रात पौने आठ बजे पं. राजस्थानी के वाहनों का काफिला पहूॅंचा। शंभू भारती आश्रम पर लाल महाराज ने उनका स्वागत किया। बाद में काफिला राठेलाव चौराहें पर पहूॅंचे। इसी के साथ भीड़ पं. राजस्थानी को माला पहनाने,आर्शिवाद लेने व एक झलक पाने के लिए आतुर हो गई। इस स्थिति को देखते हुए शनिधाम के कमंाडो ने पं. राजस्थानी को अपने सुरक्षा घेरे में लिया और रथ तक पहूॅँचाया। इसी के साथ भीड़ में जयजयकार की गूंज होने लगी। इससे अभिभूत पं. राजस्थानी ने रथ के आगे आकर सभी का अभिवादन मंजूर किया और हाथ उठाते हुए सभी आर्शिवाद दिया। चौराहें पर प्रधान सुशीला गौड़,उपसरपंच टेकाराम प्रजापत,भाजयुमो नेता नरेश ओझा,युवक कांग्रेस नेता चंद्रशेखर मेवाड़ा,रामदेव सेवा समिति के फूसाराम माधव,राजस्थान शिक्षक संघ उपशाखा अध्यक्ष अल्लारक खां पठान,बसपा नेता जगदीश चौधरी सहित कई जनप्रतिनिधियों व समाजसेवीयों सहित शनिधाम ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने स्वागत किया।बाद में बैंड म्हारा गुरू देव आवीया रे भजन पर गूंजने लगे और वरघोड़ा कस्बे की तरफ रवाना हो गया। रथ में उनके साथ लाल महाराज व समाजसेवी रतनलाल जणवा चौधरी सवार थे। बाद में कस्बे के विभिन्न मार्गो से होते हुए वरघोड़ा गुरूलालभेग नवल आश्रम पहूॅंचा। रास्ते में जगह-जगह कस्बेवासियों ने पं. राजस्थानी पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। बाद में आश्रम पहूॅँचने पर परमशिष्य लाल महाराज ने अपने गुरू की चरण वंदना की। इस दृश्य को देखने के लिए श्रद्धालुओं की भारी तादाद मौजूद रही। देर रात राजस्थानी देसूरी-घाणेराव सडक़ मार्ग पर शनिधाम ट्रस्ट द्वारा प्रस्तावित गौशाला के भूमिपूजन में भाग लेने पहूॅँचे। उनके प्रवचन सुनने के लिए वहां हजारों की तादाद में शनिभक्त शामियाने में मौजूद थे।

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