Tuesday, February 17, 2009

देसूरी में विश्वस्तरीय गौशाला का निर्माण होगा- पं.राजस्थानी


शनिधाम ट्रस्ट की ढ़ाई करोड़ की परियोजना का शुभारंभ परमात्मा को जानने के लिए सांसो की गति पहचाननी होगी देसूरी,16 फरवरी। शनिश्चरणानुरागी दाती पं. मदन राजस्थानी महाराज ने कहा कि कस्बे में शनिधाम ट्रस्ट द्वारा प्रस्तावित गौशाला विश्वस्तरीय होगी और बाद में यहां पॉलीटेकनीक प्रशिक्षण संस्थान व अनाथ एवं असहाय बालकों के लिए विद्यालय भी खोला जाएगा। इस पूरी परियोजना के लिए ट्रस्ट ढ़ाई करोड़ से भी अधिक की धनराशी खर्च करेगा। राजस्थानी रविवार देर रात यहां देसूरी-घाणेराव सडक़ मार्ग पर इस परियोजना को साकार करने के लिए हाल ही में खरीदी गई 70 बीघा भूमि के पूजन कार्यक्रम में मौजूद हजारों शनिभक्तों को प्रवचन दे रहे थे। उन्होंने भूमि पूजन के लिए कोई आडम्बर करने की जरूरत नहीं बताते हुए कहा जिस भूमि पर सत्संग के साथ ज्ञान गंगा प्रवाहित हो जाती हैं,वहीं असली भूमि पूजन माना जाता हैं। उन्होंने कहा कि यहां बनने वाली आधुनिक एवं सुसज्जीत गौशाला में पांच हजार गाएं पलेगी। उन्होंने तकनीकी शिक्षण संस्थान में बारह तरह के तकनिकी व्यवसायों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि वे हर तहसील में बीस चुनिन्दा निर्धन,असहाय परित्यक्ता एवं विधवा महिलाओं को स्वरोजगार अपनाने लिए एक हाथठैला व पांच हजार रूपए मुहैया कराएगें। उन्होंने देसूरी क्षेत्र में यह पात्र महिलाओं की संख्या पच्चीस रखी। इसके अलावा अगले पखवाड़े 25 अपंग लोगों को ट्राई साईकिल भी उपलब्ध करवाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपने भीतर झांकने को प्रेरित करते हुए कहा मनुष्य अपने अन्तस में बसे ईश्वर को पहचान नहीं पाया और उसे खोजने के लिए मंदिर-गुरूद्वारे भटक रहा हैं। उन्होंने कहा कि जो गुर बताता हैं, भीतर-बाहर का फर्क मिटा दे और परमात्मा का परिचय करा दे,वहीं गुरू हैं। उन्होंने कहा कि पानी पीओ छान के और गुरू बनाओं के जान के। कुम्हार से मटका लेते वक्त उसें ठोंक बजा कर लेते हो,इसी तरह गुरू बनाते वक्त भी यहीं तरिका आजमाओं। उन्होंने कहा कि जिस शिष्य को गुरू खोजता हैं,वहीं गुरू और शिष्य सच्चा और मजबूत होता हैं। उन्होंने कहा कि अन्तस का रिद्म और शबद को जान न पाए तो अपने को पहचानना मुश्किल हैं। इसकी पहचान न होने की वजह से श्रेष्ठ जन्म लेने के बावजूद मनुष्य को चौरासी योनी का चक्कर दुबारा काटना पड़ जाता हैं। उन्होंने कहा कि जब तक शबद नहीं मिला तब तक ज्ञान भी अधूरा हैं। उन्होंने कहा कि माया मिलने के बाद भी मनुष्य मायापति को पहचान नहीं कर पाता। उन्होंने बंगला अजब बना महाराज जहां में नारायण बोले,पांच तत्व की ईंट बनाई,तीन गुणों का गारा भजन को गाते हुए इसकी व्याख्या की। उन्होंने कहा कि परमात्मा को जानने के लिए सांसो की गति पहचाननी होगी। उन्होंने कहा कि ज्ञान पर अनुभवी ही अधिकार रखता हैं। ज्ञान बिना मुक्ति संभव ही नहीं हैं। उन्होंने चेताया की जान कर भी अनजान बन जाए उसकी दुगर्ति निश्चित हैं। उन्होंने शिवरात्रि पर भांग घोटने वाले कथित नशेड़ी शिवभक्तों पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा शिव ने विषय-विकार रूपी भांग को घोटकर अपने भितर ज्ञान का प्रकाश फैलाने को कहा था। उन्होंने ईश्वर के साक्षात्कार के लिए इच्छूक लोगों से हाथ खड़े करवाए और तत्पश्चात उन्हें ट्रस्ट को अपना आवेदन प्रस्तुत करने को कहा। इस दौरान नवगठित ट्रस्ट पदाधिकारियों को शपथ दिलाते हुए कहा कि वे आपसी गुटबाजी के बजाए सभी सेवा भावना से कार्य करें। उन्होंने वे पदाधिकारियों के बजाय व्यक्ति के समर्पण पर भरोसे करते हैं। कार्यक्रम को पुलिस उपाधीक्षक मोहनलाल खिन्नीवाल,समाजसेवी रतनलाल जणवा चौधरी,अभिमन्युसिंह व नरेश ओझा ने संबोधित हुए राजस्थानी के सेवा प्रकल्पों की मुक्तकंठ से सराहना की। इस दौरान प्रधान श्रीमती सुशीला गौड़,थानाधिकारी गोपसिंह देवड़ा,डॉ.राजेश राठौड़,उपसरपंच टेकाराम प्रजापत,विक्रमसिंह,उपेन्द्र श्रीमाली,महेन्द्र शर्मा,राकेश मेवाड़ा,शनिधाम ट्रस्ट आलावास की निदेशिका मां श्रद्धा,मां दया एवं मां प्रेम अतिथि के रूप में मौजूद थे। प्रांरभ में अतिथियों सहित गणमान्य लोगों का दाती महाराज की ओर से लाल महाराज राजस्थानी ने माला व साफा पहनाने के साथ श्रीफल भेंट कर सम्मान किया। इस कार्यक्रम में भूदान करने वाले दानदाता अशोक,देवाराम,फकीरचंद,धनराज व श्रीमती छोटीबाई को भी सम्मानित किया गया। संचालन हितेश रामावत ने किया। कार्यक्रम के दौरान गायक भोमसिंह सोढ़ा व उनके साथियों ने सद्गुरू की स्तुति में भजन प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में शनिधाम ट्रस्ट उपशाखा के समस्त पदाधिकारी,कमांडो व कार्यकर्ता पूरी व्यवस्था संभाल रहे थे।

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  1. जख्मों पर लगाया मरहम पाली। बालराई पुलिया के समीप गत दिनों सडक हादसे में जान गंवा चुके चौदह जनों के परिजनों को सहायता राशि व अनाज देकर शनिधाम ट्रस्ट, दिल्ली ने जख्मों पर मरहम लगाने का प्रयास किया। प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों की उपस्थिति में आयोजित कार्यक्रम में ट्रस्ट के प्रणेता संत पंडित मदन राजस्थानी ने मृतकों के परिजनों को सहायता राशि बांटी। भूती-कंवला गांव में मंगलवार शाम को आयोजित कार्यक्रम में पंडित राजस्थानी ने कहा कि शनिधाम गरीब व असहायों की सेवा में सदैव तत्पर है, जहां तक हो सकेगा, ट्रस्ट की ओर से अभावग्रस्त को सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने परिजनों को ढांढस बंधाया। इस मौके पर उन्होंने 14 परिजनों को बीस-बीस हजार रूपए व एक-एक क्विंटल गेहूं व नौ सदस्यों को पांच-पांच हजार रूपए की आर्थिक सहायता बांटी। कार्यक्रम में विधायक भगराज चौधरी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेश पंड्या, तहसीलदार रघुनाथसिंह राजपुरोहित ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में समाजसेवी विष्णुकुमार व्यास, नरेश ओझा, राकेश गुप्ता, लाल महाराज, भीमराज कुमावत, रतन जणवा चौधरी आदि ने हिस्सा लिया। इन्हें मिली सहायतामिश्रीलाल हीरागर, सुमती हीरागर, कैलाश, दीपाराम हीरागर, लक्ष्मी हीरागर, अरूणा, छगनाराम, कसु, जमनादेवी, दलुदेवी, वेरसिंह, लीलादेवी, हरिराम व दीपू को 20-20 हजार रूपए व एक-एक क्विंटल गेहूं वितरित किया गया। मीठालाल, राजू, राहुल, गेपराराम, कांता, भंवरलाल, मोहनलाल, मूलाराम व भंवरी देवी को पांच-पांच हजार रूपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई।

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